टाईमलाईन पर गौर फ़रमाइए:
25 मई 2022: आतंकी यासीन मलिक को उम्रक़ैद। 
28 मई 2022: 57 मुस्लिम देश इसके लिए भारत की निंदा करते हैं। जिसका मोदी सरकार मुंहतोड़ जवाब देती है।
3 जून 2022: कानपुर में नमाज के बाद प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति की मौजूदगी में दंगा होता है।
5 जून 2022: आतंकी संगठनों की मदद के लिए पूरी दुनिया में बदनाम मात्र 27 लाख की आबादी वाला त्रिपुरा के क्षेत्रफल के बराबर मुस्लिम देश कतर सबसे पहले उन विवादित बयानों के बहाने भारत की निंदा करता है। राजदूत को बुलाकर आँख दिखाता है। धार्मिक दबाव के कारण अन्य मुस्लिम देश भी निंदा कार्यक्रम में शामिल हो जाते हैं।  
मज़े की बात तो यह कि नूपुर शर्मा के जिस बयान के बहाने बवाल हुआ वह तो उन्होंने एक न्यूज चैनल पर ज्ञानवापी मामले को लेकर डिबेट के दौरान 26 मई को कहा था। जबकि ऐसी गर्मा गर्म टीवी बहस तो आए दिन हुआ करती हैं। जिसमें दूसरे पक्षों के द्वारा भी आपत्तिजनक संवाद होते हैं। भाजपा ने अपने दोनों प्रवक्ताओं नूपुर शर्मा और नवीन जिंदल को निष्कासित भी कर दिया। फिर भी भारत विरोधी विचारधारा के सपोर्ट सिस्टम-इकोसिस्टम का कवरिंग फ़ायर अभी जारी है। 
आतंकी यासीन मलिक की उम्रक़ैद के मात्र दो हफ़्ते के भीतर ही किसी और बहाने से सही भारत को घेरने का पुरज़ोर प्रयास आपको संयोग लगता है या प्रयोग?