- बीमारी को पहचानने में देरी।
- बीमारी को स्वीकार करने में देरी।
3.इलाज शुरू करने में देरी। - कोरोना (RTPCR) टेस्ट कराने में देरी।
- लक्षण होने के बावजूद टेस्ट रिपोर्ट का इंतजार करना और तुरंत इलाज शुरू नही करना।
- बीमारी की गंभीरता को समझने में देरी।
- दवाइयों से डर के कारण सारी दवाइयां खाने के बजाय आधी अधूरी दवाइयां खाना।
- पांचवे या छठे दिन तबियत ज्यादा खराब होने पर भी CT और ब्लड टेस्ट नहीं कराना।
- दूसरे स्टेज का ट्रीटमेंट (स्टीरॉयड) छठे दिन से शुरू नही करना और इसमें देरी करना।
- Steroid की अपर्याप्त डोज लेना।
- साथ में anticoagulent (खून पतला करने और खून में थक्का बनाने से रोकने की दवा) न लेना।
- ऑक्सीजन लेवल नापने में लापरवाही के कारण ऑक्सीजन लेवल गिरने (Hypoxia) को समय से पकड़ न पाना।
- ऑक्सीजन गिरने पर अस्पताल पहुंचने में देरी।
- छठे दिन HRCT टेस्ट में 15/25 या उससे ऊपर का स्कोर आने पर भी घर में इलाज और तुरंत अस्पताल में भर्ती हों कर intravenous (इंजेक्शन से) ट्रीटमेंट न लेना।
ध्यान रखें, पहला हफ्ता आपके हाथ में।
दूसरा हफ्ता आपके डॉक्टर के हाथ में
और तीसरा हफ्ता ऊपर वाले के हाथ में।
आप निर्णय लें कि आप अपनी जिंदगी की बागडोर किसके हाथ में देना चाहते है!
Right
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